शबाना परवीन
ये फिल्म 1999 कारगिल युद्ध का हिस्सा रही भारत की पहली महिला एयरफोर्स ऑफिसर, गुंजन सक्सेना की जिंदगी पर आधारित है। गुंजन सक्सेना शौर्य चक्र पुरस्कार पाने वाली पहली महिला भी हैं।
इस फ़िल्म की कहानी गुंजन के आसमान मे उड़ने के सपने को बयां करती है। की कैसे एक लड़की जब कोई सपना देखती है।तो उसके अपने ही परिवार के कुछ लोग और समाज किस तरह रुकावट बनते हैं।
फ़िल्म के डाइरेक्टर और लेखक शरण शर्मा ने बहुत ही ख़ूबसूरती और सादगी के साथ गुंजन की कहानी को बख़ूबी पर्दे पर उतारा है। लव ट्रायंगल पर फ़िल्म बनाने वाले करन जोहर ने इसका निर्देशन किया है।
जाह्नवी कपूर ने गुंजन सक्सेना का रोल निभाया है। उन्होंने इस किरदार के साथ न्याय करने की पूरी कोशिश की है वहीं जाह्नवी के पिता का रोल निभा रहे पंकज त्रिपाठी की सशक्त और गंभीर अदाकारी ने दर्शकों को प्रभावित किया है।
फ़िल्म की कहानी दिखाती कि गुंजन सक्सेना जिसका सपना पायलट बनना है जब वो अपनी मंज़िल को पाने के लिए आगे क़दम बढ़ाती है तो हर पड़ाव पे एक नई चुनौती का सामना करना पड़ता है जैसे टॉयलेट चेंजिंग रूम की समस्या लड़के लड़की का भेदभाव इन सारी चुनौतियों को पार के करने के बाद वो अपनी मंज़िल तक पहुंचती है।
फ़िल्म में गुंजन के पिता( पंकज त्रिपाठी )अकेले वो शख़्स हैं जो इस लड़ाई में उसके साथ खड़े नज़र आते हैं और जब भी गुंजन का हौसला डगमगाने लगता है। तो वो उसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं पर उनका तरीका काफी अलग है। ये तो फ़िल्म देखने के बाद ही आपको पता चलेगा। GUNJAN SAXENA THE KARGIL GIRL
कई सीन और डॉयलोग ऐसे हैं जो दिल पर पर भावुक चोट करते हैं और बाप बेटी के रिश्ते की सच्चाई आँखें नम करने पर मजबूर कर देती है।
फ़िल्म में हर चीज़ को बहुत ही गहराई और बारीक़ी के साथ पेश किया गया है। जो दर्शकों को फ़िल्म के साथ जोड़ कर रखती है।जहां एक ओर फिल्म की सपोर्टिंग कास्ट बेहद असरदार है,वहीं स्पोर्टिंग एक्टरों द्वरा निभाया किरदार भी कबीले तारीफ़ है। ओवर प्रोटेक्टिव भाई के रोल में अंगद बेदी, यूनिट में गुंजन को शामिल किए जाने का विरोध करने वाले फ्लाइट कमांडर के रोल में विनीत कुमार सिंह, कमांडिंग ऑफिसर के रोल में मानव विज... हर कोई अपने रोल में एकदम फिट बैठता है। फिल्म में एसएसबी अफसर के किरदार में मनीष वर्मा और गुंजन की मां के रोल में आयशा रजा मिश्रा का किरदार फिल्म ख़त्म होने के बाद भी दिलो दिमाग पर छाया रहता है।