बिहार के मुजफ्फरपुर में एक वीडियो सोशल मिडिया पर वायरल हुआ जिसमे एक मेधावी दलित छात्र को उसके ही साथ पढने वालो ने इसलिए बुरी तरह पिटा क्योंकि उसके नंबर ज्यादा आए थे. वीडियो वायरल होने के बाद मुजफ्फरपुर पुलिस ने डॉ लड़कों को गिरफ्तार किया है.
वीडियो - क्लासरूम में मेधावी दलित छात्र को लात-घूंसों से पीटा जा रहा है.
पुलिस का कहना है कि मुजफ्फरपुर हिंसा के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. वीडियो देखने के बाद ही पुलिस ने कार्रवाई की है. यह वीडियो एक तीसरे लड़के ने बनाई थी जबकि दो लड़के एक लड़के को पीट रहे थे. यह घटना सरकारी स्कूल में हुई.
16 साल के इस दलित पीड़ित ने एक राष्ट्रीय टीवी चैनल के नाम लिखे पत्र में अपील की है कि हिंसा बंद हो. पीड़ित का आरोप है कि यह कोई एक बार हुई घटना नहीं है. उसके साथ दो साल से लगातार ऐसा हो रहा था.
पीड़ित छात्र ने समाचार चैनल को भेजे अपने पत्र में लिखा है, "मैं पिछले दो साल से अपने स्कूल में अच्छे मार्क्स लाकर दलित होने का नतीजा भुगत रहा हूं. मेरी ही क्लास में पढ़ने वाला एक छात्र और उसका भाई पिछले दो साल से मुझे प्रतिदिन प्रताड़ित करते हैं. मुझे भद्दी-भद्दी गालियां देते हैं. हफ्ते में कम से कम एक बार वे मेरे चेहरे पर थूकते हैं."
पीड़ित छात्र ने इस बात की शिकायत अपने अध्यापक से की तो उसे बताया गया कि आरोपियों के पिता प्रभावशाली व्यक्ति हैं इसलिए स्कूल उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकता. लड़के का आरोप है कि पुलिस के पास जाने पर उसका नाम स्कूल से काटे जाने की धमकी भी दी गई. अपने पत्र में वह लिखता है, "मैं भी चिंतित था कि मुझे प्रताड़ित करने वाले लड़कों के पिता मेरे परिवार के साथ क्या करेंगे. इसलिए मैंने चुप रहना ठीक समझा."
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है .पीड़ित लडके लिखा है कि वह वीडियो जो वायरल हुआ है और जिसकी वजह से पुलिस केस भी दर्ज हो गया है, मुझे लगता है कि वह 25 अगस्त का है. उनमें से एक ने कहा था कि मुझे मारने में उसे खुशी मिलती है इसलिए उसने एक अन्य छात्र को फोन देकर मेरे साथ मारपीट का वीडियो बनवाया.
इस घटना के बाद दलितों के खिलाफ हिंसा पर बहस और तेज हो गई है. पिछले कुछ महीनों में दलितों के खिलाफ हिंसा के कई गंभीर मामले चर्चा में रहे हैं. सवाल यह है की आजादी के छ: दशक बाद भी क्यों भोग रहें हैं दलित होने का दण्ड ?
source: agency
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