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मरीज देखते IAS डॉ अहमद इक़बाल |
देवभूमि उत्तराखण्ड के चंपावत में ज़िला अस्पताल में डीएम खुद डॉक्टर बन मरीज़ों का इलाज किया तो हर कोई हैरान रह गया।दरअसल यह बात कम ही लोगों को जानकारी में है कि 2010 बैच के IAS डॉक्टर अहमद इक़बाल एक एमबीबीएस डॉक्टर भी हैं और 2010 में IAS में सेलेक्शन से ठीक पहले 2009 में उन्होंने कर्नाटक के कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मैंगलोर से MBBS की डिग्री ली थी।
अहमद इकबाल को लोगों की नि:स्वार्थ सेवा करने के लिए सात साल का लम्बा इंतजार करना पड़ा, क्योंकि उनके पास कोई औपचारिक पंजीकरण नहीं था।लेकिन अब 15 सितम्बर को उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण की मंजूरी मिलने के बाद उन्होंने खाली समय में मरीजों को देखना शुरू कर दिया है।
जिल़े के ज़िम्मेदारी होते हुए भी वो ज़िला अस्पताल में बाकी डॉक्टरों की तरह की मरीज़ों को देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि खाली समय में मरीजों का इलाज करके वो इंसानी फ़र्ज़ निभा रहे है
उन्होंने कहा कि इससे डॉक्टरों के ऊपर का दबाव तो कुछ कम होगा ही उनकी डॉक्टरी की पढ़ाई भी बेकार नहीं जाएगी।वही 15 सितम्बर को उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण की मंजूरी मिलने के बाद उन्होंने खाली समय में मरीज़ों को देखना शुरू किया है।
डीएम साहब के इस तरह के मानवीय रूप से जनता भी खुश है लोगो का कहना है कि अब ज़िलाधिकारी की डॉक्टरी की प्रेक्टिस से लोगों को भी एक से ज़्यादा फ़ायदे होंगे। लोग अपने मर्ज़ का इलाज तो करवा ही सकेंगे, लगे हाथ उन्हें अपनी समस्याएं भी बता सकते है।