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दीप शंकर मिश्र |
उदाहरण स्वरूप लखीमपुर की निघासन रेंज के अंतर्गत दो वाटर टैंक छेदई पटिया व बेलहा बीट के निर्माण हेतू आये परन्तु भ्रष्टाचार के चलते एक वाटर टैंक छेदई पतिया में बनवा कर दूसरे बैलहा बीट के वाटर टैंक जो मौके पर नही बनाया गया उसका भी भुगतान फर्जी खान ट्रेडर्स के नाम की बिल बुक छपवा कर समान की खरीददारी दिखाकर और कागज पर बैलहा बीट के टैंक को बना दिखाकर उस सरकारी पैसे का फर्जी बिल बाउचर के माध्यम से वन विभाग के अधिकारियों ने हजम कर लिया यही नही आवासों की मरम्मत हेतु आयी एक लाख रुपये की धनराशि को भी खान ट्रेडर्स निघासन व किसान ईंट उद्योग बम्हनपुर के नाम के फर्जी बिल व बाउचर इत्यादि का सहारा लेकर उस मरम्मत के पैसे को भी हजम कर लिया गया। यह तो एक अपवाद है अब जाँच का विषय यह है कि- जे.पी ढाबा नाम के मो० नम्बर 9954201425 से अंकित खान ट्रेडर्स नाम के दिनांक 12 अक्टूबर 2017 व 13, 14, व 16 अक्टूबर 2017 के व दिनाक 12 अक्टूबर 2017 के किसान ईंट उद्योग बम्हनपुर जिस पर 9654200201 दिल्ली निवासी के किसी व्यक्ति का मो० न० अंकित है, के फर्जीे बिलों के नाम से लाखों रुपये का गलत तरीके से पैसा निकाला ही क्यों गया। यदि उक्त बिलों के उपयोग द्वारा निकाले गये पैसे की जांच हो जाये तो लाखों का घोटाला उजागर होगा। प्रमुख वन संरक्षक रूपक डे के टैंक के मौके पर निर्माण न होने पर प्रकरण संज्ञान में आने पर बैलहा बीट के वाटर टैंक का निर्माण कार्य चालू कर दिया गया। परन्तु फर्जी बिल छपवाकर मुख्यालय को गलत सूचना देकर आवास मरम्मत इत्यादि का पैसा हजम कर खान ट्रेडर्स व किसान ईंट उद्योग की फर्जी बिल बुक इत्यादि का उपयोग करने वाले भ्रष्टाचारियों की कार्यवाही अभी अधर में है। हालांकि कार्यवाही के सम्बंध में जानकारी करने पर
प्रमुख वन संरक्षक रूपक डे द्वारा उक्त बिलों व उस पर अंकित मो० नम्बर की जाँच करवाकर कर कार्यवाही किये जाने की बात कही जा रही है ।परन्तु अभी तक फर्जी बिल बाउचर की जाँच के सम्बंध में प्रमुख वन संरक्षक द्वारा कोई लिखित रूप से आदेश जारी नही किया गया है हां यह सत्य जरूर है की यदि सही जाँच होती है तो लखीमपुर वन विभाग में एक बड़ा भ्रष्टाचार उजागर होगा ।