पूर्णिया(बिहार)।।मंगलवार को अखिल भारतीय विकास परिषद द्वारा गिरजा चौक पूर्णिया में सरहुल बहा पूजा धूमधाम से मनाया गया। सरहुल बाहा पूजा आदिवासियों का एक प्रमुख पर्व है जो पूरे विश्व में मनाया जाता है।यह भव्य उत्सवों में में से एक है यह उत्सव चैत महीने के तीसरे चैत्र शुक्ल तृतीया पर मनाया जाता है। आदिवासी लोग सरहुल का जश्न मनाते हैं जिसमें सृष्टि रचयिता की पूजा आराधना की जाती है।यह पर्व नए साल की शुरुआत का प्रतीक है वार्षिक महोत्सव वसंत ऋतु के दौरान वृक्ष और प्रकृति के अन्य तत्वों की पूजा इस पर्व के माध्यम से किया जाता है। सरहुल धरती का त्योहार भी माना जाता है इस पूजा में मुख्य रुप से पारंपरिक नृत्य किया जाता है।परमेश्वर की पूजा सरना की नई फूलों से की जाती है।गांव के पुजारी कुछ दिनों के लिए व्रत रखते हैं,अगले सुबह में स्नान करते हैं और कच्चा धागा से बना नया धोती पहनते हैं।उस दिन के पिछली शाम को तीन नए मिट्टी के बर्तन के अंदर पानी भरा जाता है और धूमधाम से सरहुल पूजा किया जाता है। इस अवसर पर अध्यक्ष विजय उराव,श्यामसुंदर उराव, मनोज उड़ाव, अजय उरांव, विक्रम, सिल्वेस्टर कुजूर, मायाराम पूरा, उमेश लकरा, अनिल उराव, परमेश्वर मुर्मू, पृथ्वीराज, कामेश्वर रिंकू, रविशंकर हेंब्रम, वरुण वीरेंद्र, लालमोहन उरांव, सूर्यनारायण, जितेंद्र ,राजकुमार, महेश उरांव, जितेंद्र , दीपक बारा शुभम आदि उपस्थित थे और पूजा के सफल संचालन में अपनी महती भूमिका निभा रहे थे।
धूमधाम से मनाया गया सरहुल बहा पूजा
धूमधाम से मनाया गया सरहुल बहा पूजा