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"आप" के विधयक |
नई दिल्ली।। आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने लाभ के पद मामले में उसके20 विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली अधिसूचना को आज निरस्त कर दिया।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति चंद्रशेखर की पीठ ने कहा कि आप विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली अधिसूचना कानूननसही नहीं थी और उनका मामला फिर सेसुनवाई के लिये चुनाव आयोग के पास भेजदिया।
विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिये चुनाव आयोग की सिफारिश को‘दोषपूर्ण’ बताते हुए पीठ ने कहा कि इसमें नैसर्गिक न्याय का उल्लंघन हुआ है और आयोग ने इन विधायकों को दिल्ली विधानसभा की सदस्यता के लिये अयोग्य ठहराने की सिफारिश करने से पहले कोई मौखिक सुनवाईका अवसर नहीं दिया।
अदालत ने कहा, ‘‘ चुनाव आयोग की ओर से "राष्ट्रपति को" 19 जनवरी2018 को दी गई राय नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं करने की वजह से कानूनन गलत है।’’
हाई कोर्ट के इस फ़ैसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है, "सत्य की जीत हुई. दिल्ली के लोगों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों को ग़लत तरीक़े से बर्ख़ास्त किया गया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के लोगों को न्याय दिया है। दिल्ली के लोगों की बड़ी जीत. दिल्ली के लोगों को बधाई।"सत्य की जीत हुई। दिल्ली के लोगों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों को ग़लत तरीक़े से बर्खास्त किया गया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के लोगों को न्याय दिया। दिल्ली के लोगों की बड़ी जीत। दिल्ली के लोगों को बधाई। https://t.co/eDayHziHSn— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 23, 2018
विधायकों का नाम
1 जरनैल सिंह, तिलक नगर
2 नरेश यादव, महरौली
3. अल्का लांबा, चांदनी चौक
4. प्रवीण कुमार, जंगपुरा
5. राजेश ऋषि, जनकपुरी
6. राजेश गुप्ता, वज़ीरपुर
7. मदन लाल, कस्तूरबा नगर
8. विजेंद्र गर्ग, राजिंदर नगर
9. अवतार सिंह, कालकाजी
10. शरद चौहान, नरेला
11. सरिता सिंह, रोहताश नगर
12. संजीव झा, बुराड़ी
13. सोम दत्त, सदर बाज़ार
14. शिव चरण गोयल, मोती नगर
15. अनिल कुमार बाजपेई, गांधी नगर
16. मनोज कुमार, कोंडली
17. नितिन त्यागी, लक्ष्मी नगर
18. सुखबीर दलाल, मुंडका
19. कैलाश गहलोत, नजफ़गढ़
20. आदर्श शास्त्री, द्वारका
लाभ का पद
'लाभ के पद' का मतलब उस पद से है जिस पर रहते हुए कोई व्यक्ति सरकार की ओर से किसी भी तरह की सुविधा ले रहा हो।‘
भारतीय संविधान की बात करें तो संविधान के अनुछेद 191(1)(ए) के मुताबिक़, अगर कोई विधायक किसी लाभ के पद पर पाया जाता है तो विधानसभा में उसकी सदस्यता अयोग्य क़रार दी जा सकती है।
भारतीय संविधान की बात करें तो संविधान के अनुछेद 191(1)(ए) के मुताबिक़, अगर कोई विधायक किसी लाभ के पद पर पाया जाता है तो विधानसभा में उसकी सदस्यता अयोग्य क़रार दी जा सकती है।