चहनियां-चन्दौली।। सोमवार को कस्बा सहित क्षेत्र के विभिन्न गांव में भाकपा (माले), इंसौस एवं किसान महासभा के संयुक्त बैनर तले एससी एसटी एक्ट फैसले के विरोध में जुलूस निकालकर इस फैसले पर जोरदार विरोध जताया। वक्ताओं ने कहा कि
सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों ने एससी-एसटी एक्ट के दुरुपयोग संबंधी बिना किसी अध्ययन और ठोस साक्ष्य के सवर्ण-सामंती मानसिकता के वशीभूत एक्ट को कमजोर करने का जो निर्णय दिया है, उसके लिए सरकार को उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाना चाहिए। भाजपा एवं संघ परिवार द्वारा साजिशन देश मे साम्प्रदायिक हमले कराए जा रहे हैं और दलितों पर लगातार हो रहे अत्याचार और हत्याओ का दौर चल रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों पर हमले बढ़े हैं। भाजपा सरकार में इन्हें कुचलने के प्रयास किया जा रहा है।
लोगों ने माँग उठाई की एससी-एसटी एक्ट के पुराने स्वरूप को बहाल किया जाए क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया गया तो जातीय अहंकार के मद में चूर सवर्ण-सामंती ताकतें फिर से पहले की तरह दलितों का जातीय अपमान और उत्पीड़न शुरू कर देंगी। उन्होंने कहा कि यह यह एक्ट दलितों-आदिवासियों को रक्षाकवच प्रदान करता है और इसकी हिफाजत के लिए अंत तक लड़ा जाएगा।
आज समाज को जातीय नफरत की आग में झोंकने वाले संभाजी भिड़े को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। भिड़े जैसे लोगों का खुले घूमना समाज के अमन-चैन के हक में नहीं है। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर रावण को जिस तरह से गैरकानूनी तरीके से जेल में रखा गया है उसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम है, उन्होंने रावण को तुरंत रिहा किए जाने की माँग की। जबसे केंद और प्रदेश की सत्ता में भाजपा आई है, मुस्लिम खुद को लगातार असुरक्षित महसूस कर रहे हैं क्योंकि उनके खिलाफ कभी गाय के नाम पर तो कभी लव-जिहाद के नाम पर हमले बढ़े हैं। उन्होंने सरकार से मांग की मुस्लिमों की सुरक्षा के लिए एससी-एसटी एक्ट की तर्ज पर कड़ा कानून बनाया जाए।
जुलूस में मुख्य रूप से रामाकांत राम, हरिशंकर प्रसाद, महेंद्र प्रताप, श्याम नारायण व शिवमूरत आदि लोग रहे।संचालन श्रवण कुशवाहा ने किया।
रिपोर्ट- अजय गुप्ता