नयी दिल्ली , नौ अप्रैल ( भाषा ) राष्ट्रीय हरित अधिकरण ( एनजीटी ) ने उसके आदेश के बावजूद मध्यप्रदेश के सिंगरौली और उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में औद्योगिक एवं खनन गतिविधियों से हो रहे प्रदूषण पर अंकुश लगाने में अधिकारियों की निष्क्रियता संबंधी एक अर्जी पर आज केंद्र एवं अन्य से जवाब तलब किया।
एनजीटी के कार्यवाहक न्यायमूर्ति जवाद रहीम ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय , उत्तरप्रदेश सरकार , मध्यप्रदेश सरकार तथा दोनों राज्यों के पर्यावरण सचिवों की निगरानी समिति एवं अन्य को नोटिस जारी किया है।
अधिकरण ने संबंधित अधिकारियों को उसके आदेश को लागू नहीं किये जाने का कारण बताते हुए निजी हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया है और मामले की सुनवाई की अगली तारीख 11 मई तय की है।
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वकील अश्विनी दुबे |
वकील अश्विनी दुबे ने याचिका दायर की जिसमें दावा किया गया है कि अधिकरण के छह दिसंबर , 2017 के आदेश के बावजूद न तो उद्योगों ने और न ही अधिकारियों ने क्षेत्र के पर्यावरण में सुधार के लिए कोई कदम उठाया तथा लोगों को प्रदूषण की मार झेलने के लिए छोड़ दिया गया।
अधिकरण ने उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश सरकारों को सिंगरौली और सोनभद्र जिलों में ऑनलाइन वायु गुणवत्ता निगरानी तंत्र तथा रिवर्स ओस्मोसिस वाटर प्यूरीफिकेशन प्लांट्स लगाने का निर्देश दिया था।