तमिलनाडु सरकार ने तूतीकोरिन हिंसा की जांच के लिए मद्रास उच्च न्यायालय की एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित किया है। कल हुई हिंसा में दस लोगों की मौत हो गई थी।
राज्य में पिछले एक महीने से वेदांता रिसोर्सेज कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा था। लेकिन मंगलवार को इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। स्थानीय लोगो कि माने तो प्लांट की तरफ बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को जब रोका गया तो भीड़ ने पथराव किया और पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचाया. जिसके बाद पुलिस ने फायरिंग कर दी और 11 लोगों की मौत हो गई।
यह प्रदर्शन वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट को बंद करने की मांग को लेकर चल रहा था. कंपनी ने यहां चार लाख टन प्रतिवर्ष स्टरलाइट कॉपर परियोजना के विस्तार की घोषणा की थी जिसके खिलाफ स्थानीय निवासी पिछले कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे थे। स्थानीय लोग का मनना है, कि ये यूनिट पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकती है।
लेकिन पुलिस कार्रवाई के बाद अब इस मामले पर राजनीति तेज हो गई है। राज्य के मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. इस घटना में करीब 80 लोग घायल हुए हैं, जिनमें पत्रकार भी शामिल हैं।
राज्य में विपक्ष के नेता एमके स्टालिन ने इस घटना के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। स्टालिन ने अपने ट्वीट में कहा, "मासूम लोगों को ऐसे मारना, किसने पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के आदेश दिए। भीड़ के ऊपर ऑटोमेटिक हथियारों का इस्तेमाल क्यों किया जाता है। और कौन सा कानून इसकी अनुमति देता है?" विपक्षी दल डीएमके ने सभी दलों से इस घटना के खिलाफ 25 मई को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।
The gunning down by the police of 9 people in the #SterliteProtest in Tamil Nadu, is a brutal example of state sponsored terrorism. These citizens were murdered for protesting against injustice. My thoughts & prayers are with the families of these martyrs and the injured.— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 22, 2018
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपने ट्वीट में इस घटना की निंदा की. उन्होंने कहा, "ये मौतें राज्य प्रायोजित आतंकवाद का क्रूर उदाहरण हैं. इन नागरिकों की हत्या अन्याय के खिलाफ प्रदर्शन के चलते की गई हैं।"
अभिनेता से राजनेता बने तमिल सुपर स्टार कमल हासन भी प्रदर्शनकारियों के समर्थन में सामने आए हैं। कमल हासन ने कहा, "हमें पता होना चाहिए कि किसने इस फायरिंग के आदेश दिए. यह मैं नहीं बल्कि पीड़ित पूछ रहे हैं। केवल मुआवजे की घोषणा करना समाधान नहीं है। यह इंडस्ट्री बंद होनी चाहिए और यही लोगों की मांग है"
इस बीच तमिलनाडु पुलिस का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। जिसमें पुलिस बल प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग करने को कह रहा है।
#WATCH Local police in Tuticorin seen with assault rifles to disperse protesters demanding a ban on Sterlite Industries. 9 protestors have lost their lives. #TamilNadu. (Earlier visuals) pic.twitter.com/hinYmbtIZQ— ANI (@ANI) May 22, 2018
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस भेजा है।
आम लोगों में भी इस मामले के खिलाफ गुस्सा साफ नजर आ रहा है. आम लोग ट्वीट कर सवाल कर रहे हैं कि क्या तूतीकोरिन में सुरक्षा व्यवस्था वेदांता और कंपनी के चैयरमेन अनिल अग्रवाल के लिए बढ़ाई गई है।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार पर भी निशाना साधा गया है।"Police forces brought in. Security tightened in #Thoothukudi" says sources.— Vaishali (@vaishali296) May 22, 2018
FUNNY!
Security for whom? Anil Agarwal and Vedanta?
WE, the people of Tamilnadu need security from our own Govt. Please bring security forces for us first!#sterliteprotest#TNJallianwalabagh
TN govt killed 11people in #Thoothukudi who struggled for right to live in a pollution free environment!— Sujesh (@Sujesh_Knr) May 23, 2018
ADMK govt is competing with Modi govt to prove their slavery towards corporates! pic.twitter.com/TAQDUdyjYD