अमित राय
देवघर(झारखंड)।।शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. अनिल मिश्रा की बुधवार सुबह चार बजे इलाज के दौरान मौत हो गई। मंगलवार देर शाम अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें एक निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया था। पहले बताया जा रहा था कि जहर खाने से उनकी मौत हुई है। हालांकि, बाद में बताया गया कि उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। इसकी पुष्टि मेडिकल बोर्ड द्वारा किए गए पोस्टमार्टम में भी हुई है। सूचना मिलते ही नगर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और चिकित्सकों से जानकारी ली।जानकारी हो कि मंगलवार देर शाम अचानक हालत बिगड़ने पर 49 वर्षीय डॉ. मिश्रा को नजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया। डाक्टरों की टीम ने काफी प्रयास किया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। डॉ. मिश्रा की मौत की सूचना पाकर कास्टर टाउन स्थित उनके आवास पर लोगों का तांता लग गया। सभी चिकित्सक के असामयिक मौत से स्तब्ध थे। डॉ. अनिल अपने पीछे पत्नी व दो बेटे छोड़ गए हैं। बड़ा बेटा दशमी कक्षा में और छोटा बेटा छठी कक्षा में पढ़ता है। मधुबनी निवासी डॉ. मिश्रा का देवघर से था गहरा नाता था।बिहार के मधुबनी जिला अंतर्गत झंझारपुर थाना क्षेत्र के नेवड़ा गांव निवासी डॉ. मिश्रा के जीवन का अधिकांश समय देवघर में ही गुजरा। यहीं उनकी पढ़ाई भी हुई। वर्ष 1985-87 में उन्होंने देवघर कॉलेज से इंटर की पढ़ाई की। उन्हें कई संस्थानों से नौकरी का प्रस्ताव मिला, लेकिन वह उसे ठुकराकर देवघर आ गए। कुछ समय तक उन्होंने अनुबंध पर सरकारी चिकित्सक का काम किया। लेकिन बाद में वह निजी प्रैक्टिस करने लगे। उनकी शादी भी देवघर में ही हुई। अपने मिलनसार और मददगार स्वभाव के कारण वह क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे। गरीबों की मदद करना उनका स्वभाव था और वह पैसे के पीछे कभी नहीं भागे। निधन की सूचना पाकर पैतृक गांव से उनके पिता व छोटे भाई देवघर पहुंचे। पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव ले जाने का फैसला किया गया।