अब्दुल रशीद
आज बारहवीं का रिजल्ट आया है यह पल बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है,और परिवार के लिए जिम्मेदारी भरा लम्हा क्योंकि इस लम्हें में अपने बच्चे को न अतिउत्साहित होने देना है न ही अति हतोउत्साहित होने देना है। परीक्षा में सफलता और विफलता तय है लेकिन दोनों में संयम बहुत जरूरी है।
जिन्होने अच्छा किया है उन्हें हमारे तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं। लेकिन कृपया करके एक बच्चे के रिजल्ट की तुलना दूसरे बच्चे से न कीजिएगा। करना है तो केवल एक विषय की करे जिसमे बेहतर किया हो,उस विषय की तारीफ करें और समझाए के यही विषय उसके बेहतर भविष्य बनाने में मददगार होगा। जिस विषय मे चूक हुआ उसके लिए समझाए इस विषय को छोड़ कर दुनिया मे और भी बहुत कुछ है।कभी भी दो बच्चों के बीच तुलना न करें।तुलना ही तनाव का जड़ है। तुलना करने से कोई न कोई बात में कम होगा जो आपके बच्चे के लिए ठीक नही।
पढ़ लिखकर बेहतर रोजगार और सफल कैरियर बनाना सभी का लक्ष्य होना चाहिए, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए के बेहतर रोजगार और सफल कैरियर जीवन के लिए है , जीवन इनके लिए नही। बच्चों के मन में कैरियर बनाने का दबाव नही कैरियर बनाने के लिए इक्छा जगाइए जो उसके मन मुताबिक हो।
आज के दौर में यह कहा जाता है कि यह दौर कम्पटीशन का दौर है इस दौर में बिना तुलना के कुछ नही हो सकता । थोड़ा अलग सोंचिए, आपका बच्चा नौकरी पाने में असफल रहा तो क्या हुआ।जरा गौर कीजिए कही आपके बच्चे में नौकरी देने की काबलियत तो नही,हो सकता है। उम्मीद पर दुनिया कायम है और जीवन में सम्भावनाओं की कमी नही।
हमारे देश में अनेक उदाहरण है जिनमें पांचवी पास से भी कम पढ़े लिखे लोग सफलता के ऐसे कृतिमान बनाए जिसे आज दुनिया याद करती है। वर्तमान में हमारे प्रधानमंत्री, जिन्होंने पत्राचार से पढ़ाई पूरी की. आज उनके नाम रिकॉर्ड लिखे जा रहे हैं। उनके लिए जान देने वालों की भीड़ है।
मैं अक्सर लिखता हूं क्योंकि लिखना पढ़ना मेरा काम है,आज मेरे लिखने का मकसद बस इतना है के कुछ बच्चों को नंबर के कुचक्र खेल से बचा सके,उन्हें तनावग्रस्त होने से बचा सके।
नंबर का खेल बेकार का है,जिंदगी भर कोई आपसे यह नंबर नही पूछेगा। सफलता अच्छी सोंच और अच्छे इंसान को मिलता है। अच्छे इंसान बनिए,बच्चों का ध्यान रखिए, आज अपने बच्चों को अपने सामने रखिए,पार्टी कीजिए,खुशी मनाए आपका प्यार आपके बच्चों को वो मुकाम दिलाएगा जो कोई शिक्षा संस्थान नही दिला सकता कारण आपकी दुनिया उसमें है उसकी दुनिया आप है। कुछ कम किया है तो सब्र कीजिए, यकीन रखिए, दुनिया इतनी छोटी नहीं।