बागपत (उत्तर प्रदेश) बड़ौत तहसील में 21 मई से धरने पर बैठे किसानों में से एक किसान की धरनास्थल पर मौत हो गई है।
आंदोलनकारी किसानों ने शव पुलिस को सौंपने से इनकार कर दिया था। किसानों के आक्रोश को शांत करने के लिए मौके पर पहुंचे एसडीएम अरविंद कुमार द्विवेदी ने आंदोलनकारियों के बीच मृतक 60 वर्षीय किसान के परिवार वालों को शासन से 12 लाख रूपये मुआवजा दिलवाने की घोषणा की जिसके बाद ही किसानों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस को सौंपते हुए धरना खत्म कर दिया।
घटनास्थल से करीब 30 किलोमीटर दूर ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कार्यक्रम था।
मौके पर पहुंचे रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि वास्तव में जो आदमी अपने स्वार्थ की लड़ाई न लड़कर दूसरों के लिए कुर्बानी दे दे, उसे शहीद ही कहा जाता है।
बड़ौत तहसील में किसान संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में 21 मई से किसान पांच सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे।