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आरएसएस की प्रार्थना के वक़्त प्रणब मुखर्जी सावधान की मुद्रा में खड़े थे |
मुखर्जी ने यहां आरएसएस मुख्यालय में अपने बहुप्रतीक्षित भाषण से पहले हेडगेवार की जन्मस्थली पर आंगुतक पुस्तिका में लिखा, ‘‘आज मैं भारत माता के महान सपूत को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने आया हूं।’’
सूत्रों ने बताया कि इस मौके पर सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्य मौजूद थे जिन्हें विशेष अतिथि के रुप में निमंत्रित किया गया था।
मुखर्जी तंग गलियों से गुजरते हुए उस मकान तक पहुंचे जहां हेडगेवार पैदा हुए थे। मकान में प्रवेश से पहले उन्होंने अपने जूते उतारे। वहां आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने उनका स्वागत किया।
सूत्रों के अनुसार हेडगेवार को श्रद्धांजलि देने से जुड़ी मुखर्जी की यह यात्रा उनके निर्धारित कार्यक्रम का हिस्सा नहीं थी और पूर्व राष्ट्रपति ने अचानक ऐसा करने का निर्णय लिया।
मुखर्जी कल शाम नागपुर पहुंचे थे। आरएसएस ने उन्हें अपने शिक्षा वर्ग को संबोधित करने तथा स्वयंसेवकों के परेड का निरीक्षण करने के लिए निमंत्रित किया था।
यह संघ के स्वयंसेवकों के लिए आयोजित होने वाला तीसरे वर्ष का वार्षिक प्रशिक्षण है। आरएसएस अपने स्वयंसेवकों के लिए प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण शिविर लगाता है।
आरएसएस के कार्यक्रम में जाने के मुखर्जी के फैसले से पहले ही राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। कई कांग्रेस नेताओं ने उनके फैसले की निंदा की है।
I did not expect this from Pranab da ! https://t.co/VBqXZ8x7SE— Ahmed Patel (@ahmedpatel) June 6, 2018
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने पूर्व राष्ट्रपति द्वारा नागपुर में आरएसएस मुख्यालय जाने के प्रति अपनी नाखुशी प्रकट की और कहा कि उनसे उन्हें ऐसी उम्मीद नहीं थी।
कल मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा था कि उनके पिता आरएसएस के कार्यक्रम में भाषण देने के अपने फैसले से भाजपा और आरएसएस को झूठी खबरें फैलाने का मौका दे रहे हैं।
.@CitiznMukherjee By going 2 Nagpur, u r giving BJP/RSS full handle 2 plant false stories, spread falls rumours as 2day & making it somewhat believable. And this is just d beginning! 2/2— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) June 6, 2018
उन्होंने ट्वीट किया था कि उनका भाषण बिसार दिया जाएगा केवल तस्वीर ही बची रह जाएगी। उन्होंने उम्मीद की कि पूर्व राष्ट्रपति अहसास करेंगे कि भाजपा का ‘डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट’ कैसे काम करता है और उन्होंने ऐसे कार्यक्रम में शामिल होने के परिणामों को लेकर उन्हें चेताया।
जयराम रमेश, सी के जाफर शरीफ समेत कई कांग्रेस नेताओं ने भी उन्हें लिखा जबकि आनंद शर्मा समेत कुछ नेता मुखर्जी को वहां नहीं जाने के लिए उन्हें मनाने भी गये थे।
The images of Pranab Da, veteran leader and ideologue at RSS Headquarters have anguished millions of Congress workers and all those who believed in pluralism, diversity and the foundational values of the Indian Republic.— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) June 7, 2018