सगीर ए खाकसार/वरिष्ठ पत्रकार
पचपेड़वा,बलरामपुर।ताजुशरिया मुफ़्ती मुहम्मद अख्तर रज़ा खां उर्फ अजहरी मियां के इल्मी और तब्लीग़ी खिदमात को सराहने की मकसद से भांभर इलाके के प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम फजले रहमानिया के प्रांगण में बृहस्पतिवार को "जलसा ए ताज़ियत"(शोक सभा)का आयोजन किया गया।जिसमें इलाके कई मदरसों के इस्लामिक स्कॉलरों और विद्यार्थियों के अलावा बड़ी तादाद में उनके मानने वालों ने शिरकत की।आपको बतादें पिछले दिनों देश के सुन्नी बरेलवी मुसलमानों के के सबसे बड़े मज़हबी रहनुमाओं में से एक ताजुशरिया का इंतेक़ाल हो गया था।
मुफ़्ती हफीजुल्लाह ने ताजुशरिया के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वो अंतराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त इस्लामिक स्कॉलर थे।उन्होंने अरबी,फ़ारसी और उर्दू भाषाओं में इस्लाम से सम्बंधित दर्जनों किताबें लिखीं थीं।दारुल उलूम फजले रहमानिया के प्रधानचार्य मौलाना नुरुल हसन खां अजहरी ,जिन्होंने खुद भी जामिया अज़हर विश्वविद्यालय मिस्र से शिक्षा हासिल की है,जहां से ताजुशरिया ने तालीम हासिल की थी,ने कहा कि उनका शुमार दुनिया के चुनिंदा शक्तिशाली समझे जाने वाले मुसलमानों में किया जाता था।आलिमे इस्लाम मे उनका मुकाम बहुत ऊंचा था।
शानदार निज़ामत मौलाना मोहम्मद मुस्तकीम ने की।इससे पहले प्रोग्राम की शुरुआत तिलावते कुरान पाक से की गई।ताबिश जमाली,सुलेमान नईमी, मो0 अली फ़ैज़ी,शकील मीनाई आदि ने नात ए पाक पढ़ा।इस मौके पर जामिया सारा इस्लामिया के प्रबंधक सगीर ए खाकसार, मास्टर मसूद अहमद,रहमत अली,नईम खान,मासूम रज़ा,आदि के अलावा इलाके के कई संभ्रांत व्यक्ति उपस्थित रहे।