न्यूज डेस्क।।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 20 मई को शिवपुरी के पोहरी में बड़ा कार्यक्रम कर तेंदूपत्ता संग्राहकों को जूते-चप्पल, पानी बॉटल और साड़ी बांटने की शुरुआत की थी। सरकार अब तक करीब 10 लाख आदिवासियों को जूते-चप्पल बांट चुकी है।
आदिवासियों को जूते-चप्पल बांटने के मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। केंद्रीय चर्म अनुसंधान संस्थान की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आदिवासियों को दिए जूते-चप्पल में खतरनाक रसायन मिले हैं। इन जूते-चप्पलों को पहनने से कैंसर होने का खतरा है।
मप्र सरकार की आदिवासियों को कैंसर देने की साज़िश..!— MP Congress (@INCMP) August 25, 2018
-शिवराज सरकार ने 10 लाख आदिवासियों को त्वचा को कैंसर रोग देने वाले जूते-चप्पल बाँटे..?
-केन्द्रीय चर्म संस्थान की जाँच में ख़ुलासा
शिवराज जी,
-आदिवासियों से कोई पुरानी दुश्मनी..?
या
-आदिवासी मुक्त मप्र चाहते हैं..?
“अक्षम्य” pic.twitter.com/HJFL7zd5Yf
इस खबर के सामने के बाद शिवराज सरकार में बेचैनी बढ़ गई है। शिवराज सरकार के वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मामले में स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा कि हमने जूते चप्पलों के वितरण पर रोक लगा दी है और करीब 2.35 लाख जूते-चप्पल बदलने के लिए कंपनी को कहा है। हालांकि इस दौरान वन मंत्री ने केमिकल रसायन के बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया।
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करीब 10 लाख आदिवासियों को जो जूते-चप्पल बांटे हैं, उनसे कैंसर बनने का खुलासा हुआ है। यह एक चिंतननीय बात है। आखिर जान से खिलवाड़ की इजाजत किसने दिया? उन्होंने कहा कि बगैर जांच के कैसे लाखों जूते-चप्पल बांटे गए?
लाखों तेन्दुपत्ता संग्राहक आदिवासी भाई-बहनों को शिवराज सरकार द्वारा बाँटे गये जूते-चप्पलों में केंद्रीय चर्म संस्थान की रिपोर्ट मे केन्सर की संभावना वाले रसायन के मिलने का खुलासा बड़ा ही चिंतनीय,आखिर जान से खिलवाड़ की इजाजत कैसे?— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 25, 2018
बगैर जाँच के कैसे बँटे लाखों जूते-चप्पल? दोषी कौन?