नौशाद अन्सारी
सोनभद्र ब्यूरो, उर्जान्चल टाइगर
शक्तिनगर।।डीजल आजकल कोयला पे भारी पड़ता नजर आ रहा है।डीजल चोरी कर अब तक कई लोग करोड़ों के वारे न्यारे किये हैं।
आज शक्तिनगर के बीना एनसीएल बीना परियोजना में एनसीएल में कार्य कर रही प्राइवेट सिक्योरिटी ने परियोजना में चोरी कर रहे डीजल चोर को पकड़ा है।बोलेरो के साथ 7डिब्बा डीजल पकड़ा गया है।प्राप्त जानकारी के अनुसार जानकारी के अनुसार बीना एनसीएल खदान में आज दोपहर 3से 4 बजे के बीच बोलेरो से 7डब्बे चोरी का डीजल लेकर डीजल चोर भागने की फिराक में थे तभी प्राइवेट सिक्यूरिटी के लोगों के द्वारा पीछा कर बोलेरो को पकड़ लिया गया।उक्त बोलेरो से एक युवक पकड़ा गया है।वहीँ सिक्यूरिटी के लोगों ने बोलेरो सहित गैलन से भरे डीजल को शक्तिनगर थाना को सुपुर्द कर दिया है।
शक्तिनगर एसएसआई संतोष यादव ने बताया के एक बोलेरो गाड़ी पकड़ा गया है।एक युवक को भी बोलेरो के साथ पकड़ा गया है।संतोष यादव ने बताया के पूछताछ में युवक ने अपना नाम उमाकांत गुप्ता निवासी रेहटा बताया है।उन्होंने बताया के उक्त युवक से पूछताछ के आधार पे आगे की कारवाई की जायेगी।
आइये आपको बताते हैं कैसे खेला जाता है खेल
लाख टके का सवाल अब भी अपनी जगह कायम है,कि परदे के पीछे के असली प्यादे अभी भी पकड़ से क्यों दूर है? सूत्रों की माने तो इस डीजल चोरी के खेल का असल कहानी ये है कि इस खेल का मास्टर माइंड एक सेना से रिटायर्ड मेजर है, इस मेजर को एनसीएल परियोजना में सिक्यूरिटी का काम दिया जाता है। मेजर यह काम किसी दूसरे पार्टी को दे देता है।उसके बाद सारा खेल शुरू होता है।डीजल माफिया सिक्यूरिटी का काम कर रहे लोगों से मिलाकर डीजल चोरी करता है।इसमें सिक्यूरिटी का काम कर रहे लोगों को प्रति गैलन डीजल के हिसाब से पैसा मिलता है।इसमें वही पकड़ा जाता है जिसकी सेटिंग नहीं होती है।
कार्यवाही महज़ दिखावा ही लगता है
इस डीजल के खेल में उर्जांचल के दो डीजल माफिया जो पहले खाकपति था आज करोड़पति बना बैठा है,का चर्चा होता रहा है लेकिन हर स्तर पर सेटिंग में माहिर इन दोनों तक कानून के हांथ पहुंच ही नहीं पाते।सरकार किसी की हो ,कोई फर्क नहीं पड़ता यह इनके सेटिंग की दक्षता को दर्शता है। कहते हैं न, गुलाबी नोटों का असर ही कुछ ऐसा होता है की सभी असरदार जिम्मेदार इनके दर पे जाकर बेअसर हो जाते हैं।ऐसे में प्यादों पर होने वाली कार्यवाही महज़ दिखावा ही लगता है।