तिरुवनंतपुरम।। केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों में हजारों लोग अब भी सुरक्षित निकाले जाने की उम्मीद में हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इडुक्की जिले में सबसे ज्यादा लोगों के मरने की खबरें आईं हैं जहां अब तक 43 लोग अपनी जान गंवा चुके है। मलप्पुरम में 28 और त्रिशूर में 27 लोगों की मौत की खबर आई है। राजस्व अधिकारियों के मुताबिक अलप्पुझा जिले के चेंगानुर में कम से कम 5,000 लोग फंसे हुए हैं। राज्य भर के राहत शिविरों में करीब छह लाख लोग मौजूद हैं।
अलप्पुझा, त्रिशूर और एर्णाकुलम जिलों के कई इलाकों में अब भी कई लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं जहां उनके पास भोजन और पानी की कोई व्यवस्था नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 18 अगस्त को बाढ़ प्रभावित केरल का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद राज्य को तत्काल 500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।
केरल सरकार ने 2000 करोड़ रुपये की तत्काल सहायता मांगी थी और प्रधानमंत्री को सूचित किया कि इस आपदा में राज्य को 19 हज़ार 512 करोड़ रुपये की क्षति पहुंची है।
एर्णाकुलम के परावुर में छह लोगों के मारे जाने की खबर आई जहां बुधवार रात चर्च का एक हिस्सा गिर गया था। जीवित बचाए गए एक व्यक्ति ने गुस्सा जाहिर करते हुए एक टीवी चैनल को बताया कि कम से कम 600 लोग चर्च में फंसे हुए हैं और अब तक कोई भी उनकी मदद को नहीं पहुंचा है। लेकिन चर्च में छह लोगों के मारे जाने की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।
एनडीआरएफ ने केरल में 58 टीमें लगाई गईं
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बारिश और बाढ़ से जूझ रहे केरल के विभिन्न इलाकों से 10 हज़ार से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला है और कहा है कि उसने अब तक का देश का सबसे बड़ा राहत और बचाव अभियान छेड़ा है।
#WATCH Indian Coast Guard rescued a 10-day-old infant from a house in flood-hit East Kadangaloor, in Kerala, earlier today. #KeralaFloods pic.twitter.com/TdbwcJZ0Zy— ANI (@ANI) August 18, 2018
एनडीआरएफ के एक प्रवक्ता के अनुसार एनडीआरएफ कुल 58 टीम राहत एवं बचाव काम के लिए केरल में तैनात की गई हैं. उनमें से 55 टीम वहां काम कर रही हैं जबकि तीन टीम रास्ते में है।