अब देश की अदालतों के फैसले भी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अपने राय के अनुसार चाहते हैं?ऐसा इसलिए लगता है क्योंकि वो चाहते हैं कि अदालतें व्यावहारिक हों और वैसे ही फ़ैसले दें, जिन्हें अमल में लाया जा सकता है।
यह सलाह सुप्रीम कोर्ट के उस फ़ैसले के संदर्भ में दी गई है, जिसमें स्वामी अयप्पा के सबरीमला मंदिर में 10 से 50 आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी गई है।
अमित शाह ने यह बयान केरल के कन्नूर में ज़िला बीजेपी कार्यालय के उद्घाटन के मौक़े पर आयोजित सार्वजनिक सभा के दौरान दिया।
In Sabarimala, nation has seen a fight between dharma,belief & bhakti on the one side & an oppressive Kerala govt on the other. The LDF is using its power to suppress belief of Ayyappa devotees. But Mr Vijayan,I want to remind you that BJP stands firmly with the Ayyappa devotees. pic.twitter.com/zVkyyOeho1— Amit Shah (@AmitShah) October 27, 2018
अमित शाह ने यह सलाह इस वजह से भी दी है क्योंकि सबरीमला मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जो हंगामे और विरोध प्रदर्शन हुए हैं उनमें 2500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।
अमित शाह ने सबरीमाला के अयप्पा मंदिर में महिलों के प्रवेश को लेकर जो कुछ कहा यदि उसे कानून और अदालतों की नज़रो से देखा जाए तो यह सरासर देश की सर्वोच्च अदालत के निर्णय को अहमियत न देना है।
अमित शाह ने माहवारी आयुवर्ग की महिलाओं को अयप्पा मंदिर में प्रवेश देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे श्रद्धालुओं का समर्थन किया। अमित शाह यहीं नहीं रुके उन्होंने अदालतों को सलाह भी दे डाली। शाह ने कहा कि अदालतें इस तरह के फ़ैसले ना दें जो व्यवहारिक ना हों।
उन्होंने अपने टिप्पणी को सही साबित करने के लिए तमिलनाडु में सांडों को काबू में करने वाले खेल जलीकट्टू और मस्जिदों में लाउडस्पीकर के प्रयोग पर रोक लगाने संबंध सुप्रीम कोर्ट के ऐसे फैसलों के उदाहरण दिए, जिन्हें लागू नहीं किया जा सका।
सुप्रीम कोर्ट और संविधान पर हमला है
मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने ट्वीट करके कहा है कि ,अमित शाह ने कन्नूर में जो बयान दिया है वह सुप्रीम कोर्ट और संविधान पर हमला है, उनका जोर देकर कहना कि, कोर्ट को अपने आपको ऐसे आदेशों तक सीमित करना चाहिए जिन्हें अमल में लाया जा सके, बताता है कि वह संविधान द्वारा दिए गए मूल अधिकारों की रक्षा करने के प्रति कितने सजग हैं।The statements of BJP President Amit Shah in Kannur are an attack on Supreme Court and constitution. His assertion that courts must limit themselves to easily implementable judgements conveys a disinterest to protect the fundamental rights guaranteed by our Constitution.— Pinarayi Vijayan (@vijayanpinarayi) October 27, 2018
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का समर्थन करने वाले संत के आश्रम पर हमला
इस बीच शनिवार को तिरुवनंतपुरम में स्थित स्वामी संदीपानंद गिरी के आश्रम में हमला किया गया।आश्रम में खड़ी दो कार और एक स्कूटर पर किसी ने आग लगा दी।Physical attacks happen when you can't deal ideologically. Will not allow anyone to take law and order in their hands. Those who are intolerant towards Swami's activities attacked his ashram: Kerala CM Pinarayi Vijayan https://t.co/0ltdDg6hCp— ANI (@ANI) October 27, 2018
स्वामी संदीपानंद गिरी उन कुछ लोगों में शामिल हैं जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का सबसे पहले स्वागत किया था।
मुख्यमंत्री विजयन ने आश्रम का दौरा किया और वहां हुए नुक़सान का जायज़ा लिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सांप्रदायिक ताक़तों को इस तरह प्रदेश का क़ानून हाथ में नहीं लेने देगी।