नई दिल्ली (UTNN)।।सीबीआई चीफ़ आलोक वर्मा की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सीवीसी से अपनी जांच अगले दो हफ्ते में पूरी करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी।
उन्होंने ये भी साफ़ कहा है कि एक्टिंग डायरेक्टर के तौर पर नागेश्वर राव को केवल रूटीन काम देखने को कहा गया है।सीवीसी के वकील तुषार मेहता ने कोर्ट से तीन हफ़्ते का वक्त मांगा था।
CJI Gogoi in his order states," inquiry in respect of the allegation made in the note of the Secretariat as regards the present CBI Dir Alok Verma shall be completed by the CVC within a period of 2 weeks from today.The inquiry will be conducted by the retired SC judge AK Patnaik" pic.twitter.com/hgzllKJIRz— ANI (@ANI) October 26, 2018
कोर्ट ने अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव से 3 दिन में किए गए ट्रांसफर की जानकारी मांगी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागेश्वर राव अंतरिम निदेशक बने रहेंगे लेकिन वे कोई भी नीतिगत फ़ैसला नहीं लेंगे।सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव से 3 दिन में किए गए ट्रांसफर और बदलियों की जानकारी भी बताने को कहा. कोर्ट ने कहा,सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव 23 अक्तूबर सुबह 11.30 बजे से 26 अक्तूबर तक किए गए ट्रांसफर और बदलियों की जानकारी अगली सुनवाई यानी 12 नवंबर को दें। साथ ही नागेश्वर राव कोई नीतिगत फैसला नहीं कर सकते हैं. वह सिर्फ रूटीन कामकाज ही देखेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले में केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जांच के फ़ैसले सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को दिए जाएं।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस के कौल और जस्टिस के.एम. जोसेफ की बेंच वर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रही है।
यह फैसला आलोक वर्मा के उस याचिका पर आई है, जिसमें आलोक वर्मा ने केंद्र सरकार की ओर से उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले पर रोक लगाने की मांग के साथ ही एम. नागेश्वर राव को CBI का अंतरिम डायरेक्टर बनाए जाने के सरकार के फैसले को भी चुनौती दिया गया था।