भाजपा नेता रघुवर दास ने 28 दिसंबर 2014 को झारखंड के दसवें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। अपने कार्यकाल के चार साल पूरे होने पर भी सरकार ने ख़ूब विज्ञापन दिए हैं।पूरे राज्य में सरकार की उपलब्धियों के होर्डिंग्स लगाए गए हैं। साथ ही अ़खबारों और निजी चैनलों को भी विज्ञापन जारी किए गए हैं।झारखंड सरकार ने पिछले चार साल में विज्ञापनों पर तीन अरब से भी ज़्यादा रुपए खर्च किए हैं।
झारखंड सरकार में विज्ञापन जारी करने वाली संस्था सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (पीआरडी) ने सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत किए गए आवेदन के जवाब में विज्ञापनों पर किए गए सरकारी आवंटन और खर्च पर चौंकाने वाला ब्योरा दिया है। झारखंड के सामाजिक कार्यकर्ता ओंकार विश्वकर्मा के आवेदन के जवाब में राज्य सरकार ने कहा है कि 2014 से 2019 के बीच भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने विज्ञापनों के लिए कुल 323 करोड़ 76 लाख 81 हजार रुपये का आवंटन किया है। यह आवंटन प्रति वर्ष साठ करोड़ से ज्यादा का है।
कोडरमा के सामाजिक कार्यकर्ता ओंकार विश्वकर्मा ने आरटीआई के तहत सरकार से यह जानकारी मांगी थी। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने 17 दिसंबर को उनसे यह सूचना साझा की।
जिस राज्य में बच्चे भूख से तड़प तड़प कर मर गए हों उस राज्य की सरकार जब प्रचार के लिए इतना खर्च करेगी तो सवाल उठाना स्वाभाविक है। यही कारण है की पूरा विपक्ष,झारखंड की भाजपा सरकार की चौथी वर्षगांठ से ठीक पहले सार्वजनिक हुई सूचना के बाद सरकार की आलोचना कर रही है।
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