अंकुर पटेल
विशेष संवाददाता
भारतीय सबका दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व वाराणसी संसदीय 77 के प्रत्यासी ईश्वर दयाल सिंह सेठ एक प्रेस वार्ता में प्रेस मीडिया को बताया कि आज उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल बहुत पिछड़ा हुआ इलाका है। यहां आज भी 50% जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती है।
पूर्वांचल में वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का क्षेत्र,गाजीपुर मनोज सिंहा जी का क्षेत्र,गोरखपुर योगी आदित्यनाथ जी का क्षेत्र होने के कारण पूरे पूर्वांचल में विकास के नाम पर बस यही 3 जिले रोशनी में दिखाई देते हैं, बाकी 24-25 जिले आंसू बहा रहे हैं।
ईश्वर दयाल सेठ ने कहा कि पूर्वांचल विकास समिति, विकास बोर्ड, पूर्वांचल विकास योजनाएं, विकास परिषद यह सिर्फ एक धोखे के रूप में है।
इसी प्रकार वाराणसी को सांस्कृतिक राजधानी कहकर भी छला जाता है,जिनका साक्षय प्राचीन मंदिरों के विनाश से धार्मिक भावनाओं को आहत करना है।
गंगा को राजनीतिक स्वरूप देकर वर्तमान सरकार ने पानी की तरह अरबो रुपया बहाया, लेकिन गंगा आज भी प्रदूषित है।
सेठ ने कहा कि 2020 तक पूरे विश्व में भारत सबसे अधिक युवाओं का देश होगा, जिसकी आबादी 60 करोड़ के लगभग होगी और रोजगार न मिलने पर भारत के लिए बहुत बड़ी समस्या बन जाएगी।
इसी प्रकार घोषणा पत्र के मुद्दों में किसानों की बदहाली, महिलाओं को सम्मान न मिलना, शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार न मिलना,बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण न करना,अमीर गरीब सभी के लिए एकल शिक्षा प्रणाली लागू न करना,नक्सलवाद व घरेलू हिंसा पर नियंत्रण न पाना यह सरकार की जुमलेबाजी का उदाहरण है।
दलित पिछड़े अल्पसंख्यको की सामाजिक,आर्थिक सुधार हेतु रंगनाथ मिश्रा व सच्चर कमेटी के रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू न करना यह सिद्ध करता है कि वर्तमान सरकार द्वारा सबका साथ सबका विकास का नारा एक धोखा है।
व्यापार देश की उन्नति का प्रमुख बिंदु है और व्यापारी देश की रीढ़ की हड्डी के रूप में है। व्यापारियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार यह प्रदर्शित करता है कि व्यापारी सम्मान की नीति नहीं बन पाई है और भी कई मुद्दे हैं जो कि भारतीय सबका दल पूरा करने का कार्य करेगी।
इस मौके पर वाराणसी जिला संरक्षक ध्रुव सोनी, जिला अध्यक्ष डॉ तनवीर अख्तर और एडवोकेट बद्री प्रसाद ,अशोक सेठ, गंगाराम सेठ, मुजतबा अंसारी, रामचंद्र स्वरकार, गोपाल सेठ, अजय सेठ, राजकुमार सेठ, मोहनलाल, अर्जुन सिंह आदि लोग उपस्थित थे।