अजीत नारायण सिंह
ब्यूरो,वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि दो अलग-अलग नामांकन में तेज बहादुर ने अलग-अलग बातें लिखीं। इससे स्पष्ट होता है कि अभक्ति या भ्रष्टाचार के कारण पदच्युत किए जाने,न किए जाने पर निर्णायक साक्ष्य भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रमाणपत्र जारी करवाना पड़ता है। प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है। दोनों में सही जो भी हो,चुनाव आयोग से लिखित अनुमति चाहिए होती है।