ईद की तैयारियों को लेकर हर तरफ रौनक बिखरी हुई है, बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई ईद की तैयारियों में लगे हुए हैं। ईद-उल-फित्र में कुछ दिन ही बाकी हैं।
ऐसे में रमजान से जुड़े कई सारे सवालात हमारे जेहन में होते हैं। तो पढ़िए, ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब
फितरे की रक़म कैसे दें
सवाल - अगर एतिकाफ के दौरान कोई व्यक्ति बीच से उठ जाता है, तो क्या वह गुनहगार होगा?
जवाब - एतिकाफ मस्जिद में रहकर दो दिन पूरा कर लिया है, तो उठ नहीं सकते हैं।
सवाल - क्या एक व्यक्ति अपना फितरा दो व्यक्तियों में बांटकर दे सकता है?
जवाब - एहतियाते वाजिब के अनुसार एक गरीब को एक फितरे से कम न दिया जाए,लेकिन अधिक दे दिया जाए तो कोई बात नहीं है।
इन लोगों को दे सकते हैं फितरे की रक़म
सवाल - कोई व्यक्ति बगैर नियत के फितरा निकालता है, तो क्या फितरा सही होगा?
जवाब - फितरा निकालने वाले व्यक्ति दिमाग में यह सोच ले कि यह फितरा है, बस यही नियत है।
सवाल - क्या फितरे के पैसे को अच्छे काम करने वाले संस्थान को दिया जा सकता है?
जवाब - फितरे की रकम जल्द से जल्द गरीब को देनी चाहिए, ताकि गरीब ईद मना सके,लेकिन संस्थान को देना मना नहीं है।
जानिए, सोने पर जकात फर्ज है या नहीं
सवाल - दूसरे शहर के लोग फितरा के ज्यादा हकदार हैं, तो क्या फितरा की रकम दूसरे शहर भेजी जा सकती है?
जवाब - अगर शहर से बाहर ज्यादा हकदार हैं, तो रकम भेजी जा सकती है।
सवाल - हमारे यहां मशहूर है कि सोने पर हर साल जकात फर्ज नहीं होती, क्या यह सही है?
जवाब - जी नहीं। सोना अगर निसाब के बराबर है, तो हर साल जकात फर्ज है।
इस तरह अदा हो जाएगी जकात
सवाल - अगर चार रकआत वाली नमाज की दो रकआतें जमात की छूट जाएं, तो किस तरह पढें?
जवाब - छूटी हुई दोनों रकआतों को सूरह फातिहा के बाद कोई दूसरी सूरत मिलाकर पढ़ें।
सवाल - किसी व्यक्ति ने मुझसे कर्ज मांगा और मुझे मालूम है कि वह इतना गरीब है कि कभी अदा नहीं कर सकेगा। मैंने उसको रकम देकर दिल में जकात की नियत कर ली, तो किया जकात अदा हो जाएगी?
जवाब - आपकी जकात अदा हो जाएगी।",