प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नयी लोकसभा के पहले सत्र की पूर्वसंध्या पर रविवार को सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की और ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर तथा अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने के लिए 19 जून को सभी दलों के प्रमुखों की बैठक बुलाई है।
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी दलों के नेताओं से इस बात का आत्मनिरीक्षण करने का अनुरोध किया कि संसद सदस्य जन प्रतिनिधि के तौर पर लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम हों। 16वीं लोकसभा के अंतिम दो वर्ष बेकार चले जाने के विषय पर भी विचार करने का अनुरोध किया गया।
संसद के प्रत्येक सत्र की शुरूआत से पहले उसके सुगम कामकाज के लिहाज से सर्वदलीय बैठक की पंरपरा रही है।मोदी ने उन सभी दलों के अध्यक्षों को 19 जून को होने वाली बैठक में आमंत्रित किया है जिनका लोकसभा या राज्यसभा में एक भी सदस्य है।
आज की बैठक में विपक्ष ने मांग की कि किसानों के संकट, बेरोजगारी और सूखे जैसे विषयों पर संसद में चर्चा होनी चाहिए।
बैठक के बाद मोदी ने ट्वीट किया,‘‘आज हमने सार्थक सर्वदलीय बैठक की जो चुनाव परिणामों के बाद और मानसून सत्र शुरू होने से पहली बैठक है। नेताओं के बहुमूल्य सुझाावों के लिए उनका आभार। हम सभी संसद में सुगम कामकाज के लिए सहमत हुए ताकि हम सभी जनता की आकांक्षाओं को पूरा कर सकें।’’
बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जो भी विधेयक जनता के हित में हैं, हम उनके खिलाफ नहीं हैं।
तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन ने मांग की कि महिला आरक्षण विधेयक तत्काल लाया जाना चाहिए।
सत्रहवीं लोकसभा का पहला सत्र 17 जून से 26 जुलाई तक चलेगा।