अंकुर पटेल (विशेष संवाददाता)
श्रावण मास में श्री देव गुरु बृहस्पति भगवान का दिव्य श्रृंगार का आयोजन किया गया, जिसमें दूसरा जलविहार सिंगार 25 जुलाई 2019 को किया गया।
सिंगार में देव गुरु बृहस्पति भगवान का पंचामृत स्नान 11 ब्राह्मण वैदिक मंत्रों द्वारा किया गया। तत्पश्चात नूतन वस्त्र धारण कराया गया। स्वर्ण रजत मुखौटा व छत्र चांदी के अष्टधातु के शेषनाग एवं पहाड़ और झरने के साथ बाबा को विराजमान किया गया।
मंदिर को अशोक की पत्ती, कामिनी पत्ती, मोर पंख, बेला, गुलाब, चमेली, रजनीगंधा अनेक प्रकार के फूलों द्वारा मंदिर प्रांगण को अनेको रंग-बिरंगे परिधानों के साथ सजाया गया एवं पूरे मंदिर प्रांगण को विद्युत झालर व अन्य बिजली उपकरण से सजाया गया। प्रातः काल 4:15 पर मंगला आरती अजय गिरी व संतोष गिरी द्वारा संपन्न किया गया। तत्पश्चात भक्तजनों के दर्शन हेतु कपाट खोल दिए गए। भक्तों को प्रसाद वितरण हुआ।
भक्तों द्वारा बाबा का जयकार लगा, जिससे मंदिर प्रांगण गूँजने लगा। महाआरती शाम 5:00 बजे व शयन आरती रात्रिकाल बाबा के सेवक अजय गिरी द्वारा द्वीप व सवा किलो कपूर से संपन्न किया गया।