अपने कामयाब कारोबार को लेकर विज्ञापन छपना स्वाभाविक सा लगता है लेकिन आज लेकिन आज के कुछ अखबारों में टेक्सटाइल्स मिल्स एसोसिएशन ने जो विज्ञापन दिया है वो उनके कामयाबी का नहीं,उनके बदहाल हाल को बयां करता है। निर्माताओं को कमजोर निर्यात कि मांग और कीमतों के कारण दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. यहां तक कि कई मिलों ने उत्पादन बंद कर दिया है।
नॉर्दर्न इंडिया टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन आज के कई बड़े अख़बारों में आधे पन्ने का विज्ञापन दिया है।इसमें कहा गया है है कि कताई उद्योग बड़े संकट से गुजर रहा है,भारतीय स्पीनिंग उद्योग में मंदी के कारण नौकरियां जा रही हैं।
- निर्माताओं का औसतन, उत्पादन 25-30% कम है।
- 750 लाख स्पिंडल की स्थापित क्षमता के साथ उत्तरी क्षेत्र देश की कुल क्षमता में 15% का योगदान देता है।
- पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में लगभग 200 कताई इकाइयाँ हैं।
- टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन (NITMA)का कहना है कि “घटती मांग को देखते हुए मिलों ने पिछले 2-3 हफ्तों से उत्पादन बंद कर दिया है।