मॉब लिंचिंग के शिकार तरबेज अंसारी की 19 वर्षीय विधवा शाइस्ता ने कहा, 'मुझे अपने पति के लिए न्याय चाहिए। एक बेगुनाह शख्स निर्ममतापूर्वक मार दिया गया।' उन्होंने कहा, 'जबतक दोषियों को सजा नहीं मिलती तब तक वह चुप नहीं बैठेंगी।'झारखंड के सरायकेला में तबरेज अंसारी की मॉब लिंचिंग मामले में पुलिस ने बुधवार को अदालत में फिर से एक नया आरोपपत्र दाख़िल किया है । इसमें आरोपियों के खिलाफ फिर से हत्या की धारा 302 जोड़ दी गई है, जिसे आठ दिन पहले हटाकर धारा 304 में तब्दील किया गया था ।
एनडीटीवी के अनुसार, नए मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने सभी 11 आरोपियों पर फिर से धारा 302 का आरोप लगा दिया है।
सरायकेला-खरसावाँ जिला मॉब लिंचिंग कांड में सरायकेला पुलिस द्वारा अग्रतर अनुसंधान में संकलित साक्ष्य के आधार पर 302 भा०द०वि० के तहत पूरक आरोप-पत्र समर्पित। pic.twitter.com/IAoCeKkktN— Jharkhand Police (@JharkhandPolice) September 18, 2019
पुलिस ने बताया कि महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, जमशेदपुर (एमजीएमअस्पता) के विशेषज्ञों की राय मिलने के बाद सभी आरोपियों के खिलाफ फिर से आरोप पत्र में 302 लगाने का निर्णय लिया गया, क्योंकि उनकी रिपोर्ट में कहा गया था कि तबरेज को दिल का दौरा उसे हड्डियों में लगी चोट और हृदय में खून एकत्रित होने के कारण पड़ा था।
इससे पहले अपराध विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में तबरेज की मौत का कारण सिर्फ दिल का दौरा पड़ना बताया गया था, जिसके आधार पर पुलिस ने इस मामले में पहले 11 आरोपियों के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र में हत्या की धारा 302 के स्थान पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 लगाई थी। इस धारा का आशय था कि हत्या गैर इरादतन थी।