- बलरामपुर में आ गया "सुपोषण सबेरा"
- कलेक्टर संजीव कुमार झा के सराहनीय प्रयास से कुपोषण से मुक्ति की ओर अग्रसर है बलरामपुर
- गांधी जी के 150वीं जयंती के अवसर पर की गई थी सुपोषण अभियान की शुरुआत।
- जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या में 50% की आई कमी ।
- "गढ़बो नवा छत्तीसगढ़-गढ़बो नवा बलरामपुर"
कन्हैया सोनी (संवाददाता)
बलरामपुर।।छत्तीसगढ़ में सत्ता की बागडोर संभालते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरे प्रदेश के लिए जो चुनौती मानी जा रही बच्चों में कुपोषण की दर और कुपोषण के कारण होने वाली मृत्यु को दूर करने की पहल शुरू की। बस्तर और सरगुजा जहां पर कुपोषण की दर पूरे प्रदेश में अत्यधिक थी और जहां पर बच्चों को पोषण युक्त आहार प्राप्त नहीं हो पाता था।वहां के लिए एक अनोखी पहल की गई और आंगनबाड़ी केंद्र मध्यान भोजन एवं डोर टू डोर पोषण आहार की आपूर्ति का क्रियान्वयन बेहतर ढंग किया गया,जिसका परिणाम आज थोड़ा थोड़ा दिखाई देने लगा है।
बलरामपुर।।छत्तीसगढ़ में सत्ता की बागडोर संभालते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरे प्रदेश के लिए जो चुनौती मानी जा रही बच्चों में कुपोषण की दर और कुपोषण के कारण होने वाली मृत्यु को दूर करने की पहल शुरू की। बस्तर और सरगुजा जहां पर कुपोषण की दर पूरे प्रदेश में अत्यधिक थी और जहां पर बच्चों को पोषण युक्त आहार प्राप्त नहीं हो पाता था।वहां के लिए एक अनोखी पहल की गई और आंगनबाड़ी केंद्र मध्यान भोजन एवं डोर टू डोर पोषण आहार की आपूर्ति का क्रियान्वयन बेहतर ढंग किया गया,जिसका परिणाम आज थोड़ा थोड़ा दिखाई देने लगा है।
बच्चों के सुपोषण के लिए सरगुजा संभाग के बलरामपुर जिले में कलेक्टर संजीव झा एवं उनकी टीम के अथक प्रयास का परिणाम है की, 2019 की स्थिति में जहां कुपोषण की दर लगभग 20,000 थी वहआज की स्थिति में 50% की कमी लाते हुए 8000 का शेष अंतर ही रह गया है।