भारतीय मूल की भाषा मुखर्जी पिछले साल 2019मिस इंग्लैंड बनी थीं। मिस इंग्लैंड का ताज जीतने से पहले भाषा मुखर्जी बोस्टन के एक अस्पताल में जूनियर डॉक्टर का काम करती थीं। वक्त की नजाकत और कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देख उन्होंने अपने क्राउन को साइड में रख वापस डॉक्टर की जिम्मेदारी निभाने का फैसला किया और वह अपने पुराने साथियों के साथ स्थिति सुधारने के लिए काम कर रही हैं।भाषा मुखर्जी (Bhasha Mukherjee) कोरोनावायरस पीड़ितो का इलाज कर रही हैं। भाषा कहती हैं कि किस काम का ताज अगर आम जनता के काम न आ सकूं।
वह ताज़ किस काम का अगर आम जनता के काम न आ सके !
वह ताज़ किस काम अगर आम जनता के काम न आ सके !