बैढ़न कार्यालय
शब-ए-बारात को इस्लाम धर्म में इबादत की रात के तौर पर जाना जाता है। शब-ए-बारात की रात इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक आठवें महीने की 15 वीं तारीख को आती है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक शब-ए-बारात आज है। शब-ए-बारात के दिन जो लोग इबादत करते हैं उनके सभी गुनाह माफ हो जाते हैं। इस दिन लोग अपने गुनाहों के लिए माफी मांगते हैं।
लॉक डाउन का पालन करें और अपने घरों में रहकर इबादत करें - हज़्जिन समा भारती
मस्जिद ए आयशा की सादर हज़्जिन समा भारती ने बताया की शबे बारात 9 अप्रैल को मनाई जाएगी। यहां के सभी मुस्लिम समुदाय से लॉकडाउन के कारण इस रात घरों में ही रहकर नमाज अदा करने की अपील की है।साथ ही कहा है किसोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करते हुए घर पर रहकर ही इबादत करें।
उन्होने कहा कि ये रात बड़ी अजमत और बरकत वाली होती है। इस रात में ज्यादा से ज्यादा इबादत करें और गुनाहों की माफी मांगे। अल्लाह के बंदों से उन्होने ये भी अपील की है वो कोरोना से निजात दिलाने के लिए भी अल्लाह से दुआ करें ताकि इस घातक बीमारी से देश जल्द से जल्द उबर जाए।
लॉकडाउन में ऐसे मनाएं शब-ए-बरात
लॉकडाउन के कारण सभी इस बार शब-ए-बरात घर पर ही रहकर मनाना होगा।आप भी इस बात अपने परिवार वालों के साथ ये पर्व मनाएं। इस दिन घरों में तमाम तरह के पकवान जैसे हलवा, बिरयानी, कोरमा आदि बनाया जाता है। इबादत के बाद इसे गरीबों में भी बांटा जाता है। लोग अपने बुजुर्गों की कब्रों पर चिराग जलाते हैं।