ओम प्रकाश शाह
चंदन श्रीवास्तव पिता रामदयाल श्रीवास्तव उम्र 30 वर्ष निवासी नवानगर जिनका स्वास्थ्य खराब होने की जानकारी दिनांक 11 अप्रैल को जिला अस्पताल में प्राप्त हुई। उनके द्वारा फोन पर बताया गया कि उनको सर्दी खासी व बुखार है। चूंकि चंदन के द्वारा करुणा के प्रारंभिक लक्षण होना बताया गया, इसलिए चंदन का सैंपल लिया जाकर टेस्टिंग हेतु लैब जबलपुर भेजा गया। साथ ही चंदन श्रीवास्तव को जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। आपको बता दें की,सैंपल कलेक्शन के उपरांत कोविड 19 की निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार संदिग्ध मरीज को चिकित्सक की देखरेख में आइसोलेशन वार्ड में तब तक रखा जाता है जब तक कि मरीज की जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती एवं मरीज को पूर्णतया स्वस्थ नहीं हो जाता। किंतु चंदन श्रीवास्तव जो आइसोलेशन वार्ड में भर्ती थे कल रात जब भोजन वितरण के लिए आइसोलेशन वार्ड का दरवाजा खोला गया तब हॉस्पिटल स्टाफ को चकमा देकर चंदन श्रीवास्तव हॉस्पिटल आइसोलेशन से भाग गए। इसके बाद जब भी उनको फोन लगाया गया उनका फोन बंद पाया गया।
चंदन श्रीवास्तव के द्वारा जिला कंट्रोल रूम में अगले दिन दिनांक 12 अप्रैल को फोन कर बताया गया कि व सूरजपुर जिला छत्तीसगढ़ पहुंच गए हैं एवं उनके द्वारा वहां टेस्ट कराया गया जहां उनका रिजल्ट पॉज़िटिव आया है। जब इसकी जानकारी जिला अस्पताल को दी गई तो जिला अस्पताल के इंचार्ज डॉक्टर द्वारा एवं अंबिकापुर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से इसकी पुष्टि हेतु फोन किया गया तो उनके द्वारा बताया गया कि चंदन श्रीवास्तव नाम के किसी व्यक्ति का तेल नहीं किया गया है और ना ही इस नाम का कोई व्यक्ति वहां भर्ती किया गया है।
इसके बाद जब भी चंदन श्रीवास्तव को फोन लगाया गया उनके द्वारा बार-बार यही बताया गया कि वह छत्तीसगढ़ में हैं वह पूछे जाने पर पृथक पृथक स्थल का नाम बताया गया। जब उनके द्वारा बार-बार गलत जानकारी देने पर संदेह हुआ तो साइबर सेल से उनके मोबाइल नंबर को ट्रेस कराया गया,तो उनका नंबर सिंगरौली जिले में ही पाया गया। जिससे स्पष्ट हुआ कि चंदन श्रीवास्तव के द्वारा जिला कंट्रोल रूम में गलत जानकारी दी गई साथ ही शासकीय सेवकों को गलत जानकारी देकर जिले में भ्रामक जानकारी फैलाने का प्रयास किया गया।
चंदन श्रीवास्तव के विरुद्ध हॉस्पिटल आइसोलेशन को तोड़ने आमजन को में कोरोना के प्रति भ्रांति पूर्ण जानकारी फैलाने अफरातफरी का माहौल पैदा करने शासकीय लोक सेवकों को गलत जानकारी देकर गुमराह करने एवं कोविड19 के प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के कारण आईपीसी की धारा 269,271,505 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 54, एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 की धारा 03 एवं 04 कोविड19 रेगुलेशंस 2020 के नियम 05 के संयुक्त सुसंगत प्रावधानों के तहत एफ.आई.आर.दर्ज किए जाने की कार्यवाही की गई है।