देश की वित्त मंत्री ने कुल 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का खाका खींचकर बताया कि ये किस सेक्टर को क्या मिलने वाला है। छोटे कारोबारी, टैक्सपेयर्स, छोटे कर्ज देने वाले संस्थानों, रियल एस्टेट को इन ऐलानों के फोकस में रखा गया है।
MSME को 3 लाख करोड़ का कोलेटरल फ्री लोन दिया जाएगा। बिना किसी गारंटी के 4 साल के लिए लोन मिलेगा और पहले एक साल में मूलधन भी नहीं चुकाना होगा।
खस्ताहाल MSME के लिए 20,000 करोड़ का कर्ज दिया जाएगा। इससे 2 लाख उद्यमियों को फायदा होगा।
MSME को ज्यादा टर्नओवर में भी फायदे मिलते रहें इसलिए सरकार ने MSME की परिभाषा बदल दी है. 5 करोड़ तक के टर्नओवर तक माइक्रो इंडस्ट्री कहलाएगी।
फंड ऑफ फंड्स के जरिए MSME के लिए 50,000 करोड़ का इक्विटी इन्फ्यूजन किया जाएगा। इससे MSME की कैपेसिटी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
200 करोड़ तक के सरकारी टेंडर में विदेशी कंपनियां हिस्सा नहीं ले पाएंगी।
ई-मार्केट से MSME को जोड़ा जाएगा। सरकारी कंपनियों में फंसा पैसा 45 दिनों के अंदर चुका दिया जाएगा।
अगले तीन महीने, जून, जुलाई, अगस्त में भी EPF में कंपनियों और कर्मचारियों की देनदारी सरकार देगी। इसका फायदा 70.22 लाख कर्मचारियों को मिलेगा।
NBFC, HFCS, माइक्रो फाइनेंसिंग संस्थाओं के लिए सरकार 30,000 करोड़ की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम लाएगी।
अब रिटर्न भरने की तारीख 31 जुलाई 2020 और 31 अक्टूबर 2020 से बढ़ाकर 30 नवंबर की गई। TDS,TCS में 25% की छूट का भी ऐलान।
कोरोना के कारण रियल एस्टेट प्रोजेक्ट डिले होने पर कोई फाइन नहीं। मतलब पजेशन में देरी होने पर बिल्डर को सजा नहीं होगी।